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1.
कोई अपना
जब छोड़े दुनिया
टूटे सपना
2.
साथ जो छूटा
अपने ही सगों का
दिल है टूटा
3.
मिले न साथी
दुःख जो बाँट लेते
बने सहारा
बने सहारा
4.
समझे नहीं
कोई दर्द ए दिल
कोई दर्द ए दिल
बना नासूर
5.
ओ री जिन्दगी
रोज टूटता हूँ मै
स्वयं जुड़ता
6.
मन बेचारा
आज है बेसहारा
ढूंढे किनारा
रोज टूटता हूँ मै
स्वयं जुड़ता
6.
मन बेचारा
आज है बेसहारा
ढूंढे किनारा
वरिन्दरजीत
* हिंदी हाइकु वेब पत्रिका पर जब ये हाइकु प्रकाशित हुए वहाँ दोस्तों का प्यार कुछ ऐसे मिला
.........
1. संगीता स्वरूप ने कहा ........
* हिंदी हाइकु वेब पत्रिका पर जब ये हाइकु प्रकाशित हुए वहाँ दोस्तों का प्यार कुछ ऐसे मिला
.........
1. संगीता स्वरूप ने कहा ........
मन बेचारा
आज है बेसहारा
ढूंढे किनारा
आज है बेसहारा
ढूंढे किनारा
गहन अभिव्यक्ति
2. केवल कृष्ण ने कहा ......
सभी हाइकु बहुत अच्छे हैं | लेकिन ये तो दिल को छू गया !
ओ री जिन्दगी !
रोज टूटता हूँ मैं
स्वयं जुड़ता ।
रोज टूटता हूँ मैं
स्वयं जुड़ता ।
बहुत बधाई !
3. गौतम गुप्ता ने कहा .......
समझे नहीं
कोई दर्द- ए दिल
बना नासूर ।
कोई दर्द- ए दिल
बना नासूर ।
kitna dard bhra hai ! gahan bhav!
4. डॉ भावना ने कहा ......
मिले न साथी
दुःख जो बाँट लेते
बने सहारा
दुःख जो बाँट लेते
बने सहारा
dil ko chhu gaya ye haiku….
5. नरेन्द्र व्यास ने कहा .........
सम्मानीय वरिन्दरजीत सिंह जी के समस्त हाइकू पसंद आए.. आशा है भविष्य में आपकी कलम से और भी बेहतर हाइकू पढ़ने का सौभाग्य मिलेगा. पढवाने हेतु सम्मानिया डॉ. हरदीप जी का हार्दिक आभार !
ਤੇਰੀਆਂ ਲਿਖਤਾਂ 'ਚ ਨਿਖਾਰ ਆ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਭਾਸ਼ਾ ਚਾਹੇ ਪੰਜਾਬੀ ਹੈ ਚਾਹੇ ਹਿੰਦੀ। ਵਧੀਆ ਸ਼ਬਦ ਚੋਣ ਤੇ ਸਹਿਜ ਭਾਵ ਨਾਲ਼ ਡੂੰਘੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਇਹ ਹਾਇਕੁ ਕਹਿ ਗਏ ਨੇ।
ReplyDeleteओ री जिन्दगी
रोज टूटता हूँ मै
स्वयं जुड़ता
ਬਹੁਤ ਹੀ ਗਹਿਰਾ ਭਾਵ.....ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਥਪੇੜੇ ਚਾਹੇ ਸਾਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਵੀ ਤੋੜ ਦੇਣ ਪਰ ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਉੱਠਣ ਦੀ ਹਿੰਮਤ ਹੈ ਗੱਡੀ ਲੀਹਾਂ 'ਤੇ ਤੁਰਦੀ ਹੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ। ਹਰਾ ਪੱਤਾ ਪੀਲ਼ਾ ਹੋ ਕੇ ਚਾਹੇ ਡਿੱਗ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਪਰ ਫੇਰ ਨਵੇਂ ਸਿਰਿਓਂ ਫੁਟਾਰਾ ਪੈਣ 'ਤੇ ਹਰਾ ਕਚੂਰ ਫਿਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।
ਏਸ ਕਲਮ ਤੋਂ ਆਉਂਦੇ ਦਿਨਾਂ 'ਚ ਪਾਠਕਾਂ ਨੂੰ ਹੋਰ ਬਹੁਤ ਕੁਝ ਪੜ੍ਹਨ ਨੂੰ ਮਿਲ਼ਦਾ ਰਹੇਗਾ।
ਸ਼ੁੱਭਕਾਮਨਾਵਾਂ !
ਹਰਦੀਪ
ਵਧਿਯਾ ਲਿਖਤ ,[ਹਾਯਿਕੂ ]....... ਸ਼ਾਮ ਰਾਖੀ ਨਜਰਾਂ ਨੂ ਹਿਜਾਬ ਮੁਕ ਜਾਣਗੇ , ਆਂਧਿਯਾਂ ਆਂ ਵਾਲੀ ਹਨ .../ ਮੁਬਾਰਕਾ ਜੀ
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